Monday 18 June 2018

महाराष्ट्र: दलितों को पीटना और वीडियों बनाकर वायरल करना, हमारी सामाजिक नीचता प्रमाण है


मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पिछले दो-तीन सालों में एक नया वहसी किस्म का ट्रेंड सामने आया है। दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं गरीब तबके के लोगों के साथ बर्बर हिंसा करते हुए अपना वीडियो बनाकर उसे पब्लिक डोमेन में जारी करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। सतही तौर पर तो यह प्रवृत्ति पुलिस- प्रशासन और कानून को मुंह चिढ़ाने वाली प्रतीत होती है। किन्तु गहराई में जाकर देखने पर जाहिर होता है कि ऐसा कृत्य करने वाले एक तरह से आश्वस्त हो गए हैं, कि हमारी ही तो सरकार है, जो उनको प्राप्त राजनीतिक संरक्षण की तरफ इशारा करता है। समाज में इन तबकों के खिलाफ कायदे से इतनी नफरत फैलाई गई है, जिसकी अभिव्यक्ति इसी घृणित रूप में हो सकती है। 
खेत का वो कुआँ जहाँ बच्चे नहाने गए थे।  
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के जामनेर तालुके के वाकडी गांव में पिछले 10 जून 2018 को मानवता को शर्मसार करने वाला एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। इस घटना को अंजाम देने वालों का दुःसाहस देखिये कि उन्होंने घटना का वीडियो बनाकर उसे पब्लिक में जारी किया गया। गांव के काश्तकार ईश्वर जोशी के खेत स्थित कुएं में नहाने गए तीन बच्चों, जिनकी उम्र क्रमशः 10 वर्ष, 13 वर्ष तथा 15 वर्ष के बीच है। उन्हें कुएं में नहाते देख कर पहले तो उन्हें बेरहमी से खदेड़ा गया और फिर प्रह्लाद लोहार के कहने पर उन्हें पकड़ कर नंगा किया गया। फिर उनके साथ बेरहमी पूर्वक मारपीट किया गया और इसका वीडियो बनाकर उसे पब्लिक में वायरल किया गया। वह तीनों बच्चे मातंग जाति (अनुसूचित जाति में आने वाली और ढोल बजाने का पेशा करने वाली जाति है) के हैं। और बच्चों के पिता उन्हीं लोगों के खेतों में मजदूरी का काम करते हैं। बच्चों को मारते समय उन्हें धमकाया भी गया। गांव के ही एक आदमी ने अपना नाम न जाहिर करने के बाद बताया कि उन बच्चों को कई बार समझाया गया था कि खेती की फसल शुरू हो गई है, खेत में मत आया करो।

इस पूरे मामले में पीड़ित पक्ष को सुनते हुए तो यही लगता है कि मामला एक सोची-समझी रणनीति के साथ किया गया। बच्चों को नंगा करने के साथ ही उन्हें यह कहा गया कि पत्ते लो और लपेटो। वीडियो में बच्चे अपने गुप्तांगों को पत्ते से छुपाते हुए और मार खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। 
उन्हें मारने के साथ ही धमकी भी दी जा रही है कि गांव में घूमने ले चलूं क्या नंगे। इस मामले में बना वीडियो और वाइरल करने हेतु इसे यूट्यूब तक पर अपलोड किया गया। अब यह एक राजनीतिक मसला बनता दिखाई दे रहा है। रामदास आठवले ने आज उस गांव का दौरा किया। 17 जून को प्रकाश अंबेडकर अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आने के समाचार मिल रहे हैं इनके अलवा और भी कई नेता इस मामले को अपने-अपने पक्ष में लेने की कोशिश कर रहे हैं। 
यह मामला तब सबके सामने आया जब एक बच्चे के पिता के पास वह वीडियो पहुंचा। पिता ने इसे संज्ञान में लेते हुए इसकी शिकायत दर्ज कराई। 

जिसमें ईश्वर जोशी और प्रह्लाद लोहार के ऊपर धारा-324, 504, 506, 34, 11(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच डीएसपी केशव राव पातोड़े कर रहे हैं। दोषियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल तो भेजा जा चुका है और मामले की जांच किये जाने की बात कही जा रही है। किन्तु इस मामले का सबसे चिंताजनक पहलू तो यह है कि इस किस्म की बर्बरता करने वालों के हौसले इतने बुलन्द कैसे होते जा रहे हैं! इस किस्म की प्रवृत्ति देश-समाज के लिए अत्यंत ही खतरनाक है।
नरेश गौतम के साथ Sandesh Umale

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