भारत में नृत्य की हर समुदाय की अपनी शैलियाँ रही हैं। अपना ज्ञान रहा है और जीवन जीने की अपनी शैली के साथ अलग-अलग संस्कृति रही है। पर आज विकास की बैयर ने इन्हें लील लिया है। और जो लोग इन्हें और इनकी संस्कृति, ज्ञान को बचाने का प्रयास कर रहे हैं दरअसल वह लोग इनके इसी ज्ञान को भुना कर मोटा पैसा कमा रहें हैं। आज देश के तमाम बड़े-बड़े घारने जो नृत्य और संस्कृति के नाम पर कमा खा रहे हैं वह कभी उनकी थी ही नहीं...
©Naresh Gautam
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